Sir Sundar Lal Hospital

Description

Sir Sunderlal Hospital is primarily a teaching and training hospital for the undergraduates, post graduates, super specialties and research courses run by the Institute of Medical Sciences (IMS) in the various disciplines of medicine, nursing and paramedics.

It is the only Tertiary care Hospital providing specialty and Super Specialty services to the health care needs of about 20 Crore population of Eastern UP, Western Bihar, adjoining MP, Chhattisgarh and Jharkhand as well as neighboring country of Nepal.

It is a unique hospital to provide both Ayurveda and Modern Medicine services under one roof. It also cares for the health of approximately 60,000 people of the University community including students, teachers and employees and their dependents.

Besides this, Sir Sunderlal Hospital acts as the main referral hospital for Diesel Locomotive Works, Varanasi, Military Hospital, NTPC, Coal India, BHEL, and other neighboring Hospitals of the catchment area. Ever since its inception Sir Sunderlal Hospital has been endeavoring to realize the dreams of its founder, Malaviya ji, by alleviating human suffering due to diseases.

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बी.एच.यू. अस्पताल एवम उमंग फार्मेसी का अनुबंध खत्म

B.H.U. Sir Sunderlal Hospital's contract with Umang Pharmacy for more than 10 years has ended. The hospital administration has passed orders to vacate the pharmacy within 1 month.

The BHU emergency has now been shifted to the old building.

Under the Kayakalp scheme, the emergency services located at Sir Sunderlal Hospital complex were recently shifted to the ground floor of Shatabdi Super Specialty Block (CSSB). Since the said Emergency Building has now been renovated, it will again be shifted from the ground floor of Shatabdi Super Specialty Block (CSSB) and operated at the old location from 03.01.2024. |

24×7 MRI सुविधा बी. एच. यू. में

बीएचयू अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में शनिवार को नई एमआरआई मशीन का आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार ने किया। विभाग में पहले से एक मशीन से जांच हो रही थी लेकिन अब एक साथ दो मशीन से जांच होने से मरीजों को बड़ी राहत होगी। 
निदेशक और अस्पताल के एमएस प्रो. केके गुप्ता ने विभाग में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा भी लिया। इस दौरान निदेशक ने कहा कि इस मशीन के लगने के साथ ही अस्पताल में 24 घंटे जांच की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी। इस तरह की सुविधा देने वाला बीएचयू पूर्वांचल का पहला मेडिकल कालेज होगा। निश्चित तौर पर दूर दराज से आने वाले मरीजों को बड़ी सहूलियत होगी। एमएस प्रो. केके गुप्ता ने भी रेडियोलॉजी विभाग में मरीजों को मिलने वाली सुविधाओ की सराहना की। 
रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अमित नंदन धर द्विवेदी ने बताया कि विभाग में 1.5 टेस्ला की मशीन से जांच हो रही थी अब 3 टेस्ला की मशीन भी लग जाने से मरीजों की जांच में पहले से ज्यादा सहूलियत मिलेगी। साथ ही एमआरआई के लिए मरीजों को जो डेट मिलती थी,वो भी कम होगी। आने वाले दिनों में मरीजों के लिए जांच से जुड़ी अन्य सुविधाओ का विस्तार किया जाएगा। 
कार्यक्रम आईएमएस बीएचयू के डीन रिसर्च प्रो. अशोक चौधरी, अस्पताल के डिप्टी एमएस प्रो.अंकुर गुप्ता, प्रो.एनके अग्रवाल,डॉक्टर आशीष वर्मा, डॉक्टर ईशान कुमार, डॉक्टर शिवी जैन, डॉक्टर प्रमोद सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

Treatment Of Crooked Teeth Will Be Cheaper In Sir Sunder Lal Hospital (BHU), The Treatment Which Used To Cost Two Lakhs Will Now Cost 20 Thousand.

दांतों के सस्ते इलाज़ के लिए बीएचयू के दंत चिकित्सा विज्ञान ने आईआईटी बीएचयू की मदद से डिवाइस तैयार किया है। इसी क्रम में बीएचयू को भारत सरकार ने 30 दिन में पेटेंट दिया है। अब पोर्टेबल मशीन बनाने की तैयारी हो रही है। 
बीएचयू के शोधकर्ताओं ने टेढ़े-मेढ़े दांतों के प्रभावी और किफायती इलाज के लिहाज से दो महत्वपूर्ण पेटेंट हासिल किए हैं। अब टेढ़े मेढ़े दांतों के लिए ब्रैकेट्स बीएचयू में ही तैयार हो सकेंगे। दंत चिकित्सा विज्ञान के शोधकर्ताओं ने लिंग्विल ब्रैकेट्स पोजीशनिंग डिवाइस को आईआईटी बीएचयू की मदद से तैयार किया है और इसका पेटेंट करा लिया है। खास बात ये कि 30 दिन के अंदर बीएचयू को दो पेटेंट मिले हैं।
दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय के प्रो. अजित विक्रम परिहार ने बताया कि पहले दांतों के अनुकूल बाहर से ब्रैकेट्स तैयार कराए जाते थे। इसमें दो से ढाई लाख रुपये खर्च आते थे। अब नई मशीन के निर्माण के बाद दांतों के अनुसार बनने वाले ब्रैकेट्स को अंदर से लगाया जा सकेगा। इसकी लागत भी दस से 15 गुना कम होकर 15 से 20 हजार आएगी। मेक इन इंडिया के तहत इस मशीन को आईआईटी बीएचयू की मदद से तैयार किया गया है। पहला पेटेंट मशीन के लिए और दूसरा पेटेंट इसके आइडिया के लिए मिला है।
प्रो. परिहार ने बताया कि अगले चरण में मशीन को और पोर्टेबल बनाने पर काम चल रहा है। इसे कहीं भी ले जाने और ले आने में आसानी होगी। अनुदान मिलते ही इस पर भी काम शुरू हो जाएगा। बाहर से मशीन को मंगाने में पांच से छह लाख रुपये खर्च आते हैं लेकिन जब यह मशीन बीएचयू में तैयार होगी तो इसकी लागत 10 गुना कम हो जाएगी और यह 50 से 60 हजार रुपये में उपलब्ध होगी। शोधकर्ताओं की जिन टीमों को यह पेटेंट हासिल हुए हैं उनमें एक का नेतृत्व प्रो. अजित परिहार कर रहे थे। दूसरी टीम में प्रो. अजित परिहार और प्रो. टीपी चतुर्वेदी समेत अन्य संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल
थे।

एक दिवसीय अवकाश बसंत पंचमी

सभी ओपीडी /बहिरंग सेवाए,जांच संकुल एक दिन के लिए बंद रहेगी । इसके अलावा इमरजेंसी और अन्य सेवाए यथावत रहेगी ।

BHU Hospital में बुजुर्गों को एक ही छत के नीचे मिलेगी इलाज की सुविधा, पीएम रखेंगे आधारशिला

वाराणसी। आईएमएस बीएचयू में बुजुर्गों को जांच और इलाज की सुविधा एक ही छत के नीचे मिल जाएगी। बीएचयू में जीरियाट्रिक केयर एंड रिडैबिलिटेशन सेंटर (नेशनल एजिंग सेंटर) बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 23 फरवरी को इसकी आधारशिला रखेंगे। 

बीएचयू परिसर स्थित सुपर स्पेशिएलिटी ब्लाक के पास पेट्रोल पंप और नर्सिंग हास्टल वाली खाली जगह पर सेंटर बनाया जाएगा। अभी तक एम्स दिल्ली और मद्रास मेडिकल कालेज में ऐसा सेंटर चल रहा है। बीएचयू अस्पताल और ट्रामा सेंटर में हर दिन लगभग आठ हजार मरीज आते हैं। इसमें 1500 से अधिक संख्या 60 साल से अधिक आयु वाले (महिला और पुरुष) की होती है। 

नेशनल प्रोग्राम फार हेल्थकेयर आफ ड एल्डरली के तहत बनने वाले छह मंजिला सेंटर में 200 बेड पर बुजुर्गों को भर्ती करने की सुविधा होगी। आईएमएस बीएचयू के निदेशख प्रो. एसएन संखवार ने बताया कि नेशनल एजिंग सेंटर की आधारशिला पीएम रखेंगे। संस्थान स्तर पर इसकी तैयारी चल रही है।

Inauguration of Geriatric Speciality Building in BHU

डिविजनल कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि 147.39 करोड़ रुपये के बजट के साथ, केंद्र की बहुमंजिला इमारत 2,045 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाई जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, सर्जरी और अन्य विभागों की सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए इसमें सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों के साथ कनेक्टिविटी होगी।




अवकाश/Close OPD
महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में ओपीडी सेवाए बंद रहेगी , इमरजेंसी सेवाए यथावत रहेगी ।

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