Sir Sundar Lal

Treatment Of Crooked Teeth Will Be Cheaper In Sir Sunder Lal Hospital (BHU), The Treatment Which Used To Cost Two Lakhs Will Now Cost 20 Thousand.

दांतों के सस्ते इलाज़ के लिए बीएचयू के दंत चिकित्सा विज्ञान ने आईआईटी बीएचयू की मदद से डिवाइस तैयार किया है। इसी क्रम में बीएचयू को भारत सरकार ने 30 दिन में पेटेंट दिया है। अब पोर्टेबल मशीन बनाने की तैयारी हो रही है। 
बीएचयू के शोधकर्ताओं ने टेढ़े-मेढ़े दांतों के प्रभावी और किफायती इलाज के लिहाज से दो महत्वपूर्ण पेटेंट हासिल किए हैं। अब टेढ़े मेढ़े दांतों के लिए ब्रैकेट्स बीएचयू में ही तैयार हो सकेंगे। दंत चिकित्सा विज्ञान के शोधकर्ताओं ने लिंग्विल ब्रैकेट्स पोजीशनिंग डिवाइस को आईआईटी बीएचयू की मदद से तैयार किया है और इसका पेटेंट करा लिया है। खास बात ये कि 30 दिन के अंदर बीएचयू को दो पेटेंट मिले हैं।
दंत चिकित्सा विज्ञान संकाय के प्रो. अजित विक्रम परिहार ने बताया कि पहले दांतों के अनुकूल बाहर से ब्रैकेट्स तैयार कराए जाते थे। इसमें दो से ढाई लाख रुपये खर्च आते थे। अब नई मशीन के निर्माण के बाद दांतों के अनुसार बनने वाले ब्रैकेट्स को अंदर से लगाया जा सकेगा। इसकी लागत भी दस से 15 गुना कम होकर 15 से 20 हजार आएगी। मेक इन इंडिया के तहत इस मशीन को आईआईटी बीएचयू की मदद से तैयार किया गया है। पहला पेटेंट मशीन के लिए और दूसरा पेटेंट इसके आइडिया के लिए मिला है।
प्रो. परिहार ने बताया कि अगले चरण में मशीन को और पोर्टेबल बनाने पर काम चल रहा है। इसे कहीं भी ले जाने और ले आने में आसानी होगी। अनुदान मिलते ही इस पर भी काम शुरू हो जाएगा। बाहर से मशीन को मंगाने में पांच से छह लाख रुपये खर्च आते हैं लेकिन जब यह मशीन बीएचयू में तैयार होगी तो इसकी लागत 10 गुना कम हो जाएगी और यह 50 से 60 हजार रुपये में उपलब्ध होगी। शोधकर्ताओं की जिन टीमों को यह पेटेंट हासिल हुए हैं उनमें एक का नेतृत्व प्रो. अजित परिहार कर रहे थे। दूसरी टीम में प्रो. अजित परिहार और प्रो. टीपी चतुर्वेदी समेत अन्य संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल
थे।